कोइली बोलथे आमा डार,
भवानी मइया तोर अँगना।
उड़े झर झर चुनरी तुम्हार,
भवानी मइया तोर अँगना।।
कोइली………………….
मैना मँजूर चुन चुन फ़ुलवा,
मोंगरा केकती ला लावय।
गूँथे सुघ्घर गरवा के हार,
भवानी मइया तोर अँगना।
कोइली………………….
माता के चरन तीर बइठे,
लँगूर चँवर ला डोलावय।
धूप-दीप आरती उतार,
भवानी मइया तोर अँगना।
कोयली…………………
नव तोर कलशा ला साजे,
नव ज्योति मँय जलावँव।
नित संझा बिहना तियार,
भवानी मइया तोर अँगना।
कोयली…………………
बोधन राम निषाद राज
सहसपुर लोहारा,कबीरधाम (छ.ग.)
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