सोनाखान के आगी –लक्ष्मण मस्तुरिया
धरम धाम भारत भुइयां के मंझ म हे छत्तीसगढ राज जिहां के माटी सोनहा धनहा लोहा कोइला उगलै खान जिहां सिहावा के माथा ले निकले महानदी के धार पावन पैरी सिवनाथ तीर सहर पहर के मंगल हार जोंक नदी इन्द्रावती तक ले...
View Articleरायपुर नगर निगम के मयारू : ठाकुर प्यारे लाल
अगस्त सन् 1937 म जब ठाकुर प्यारे लाल साहब रायपुर मुनिसपल कमेटी के अध्यक्ष चुने गीन तब मुनिसिपल कमेटी म डेढ़ लाख रूपिया के करजा रहिस। मुनिसिपल कमेटी के कर्मचारी मन के तरक्की छै-सात बछर ले रूके परे...
View Articleगँवई गाँव : शक्ति छंद
बहारे बटोरे गली खोर ला। रखे बड़ सजाके सबो छोर ला। बरे जोत अँगना दुवारी सबे। दिखे बस खुसी दुख रहे जी दबे। गरू गाय घर मा बढ़ाये मया। उड़े लाल कुधरिल गढ़ाये मया। मिठाये नवा धान के भात जी। कटे रात दिन गीत ला...
View Articleपूस के जाड़
पूस के जाड़, पहाथे लटपट। मोर कुंदरा म घाम, आथे लटपट। मोर बाँटा के घाम ल खाके, सरई – सइगोन मोटात हे। पथरा – पेड़ – पहाड़ म, मोर जिनगी चपकात हे। गुंगवात रिथे दिन – रात, अँगरा अउ अँगेठा। सेंकत रिथे दरद ल,...
View Articleमोर छत्तीसगढ़ के किसान
मोर छत्तीसगढ़ के किसान, जेला कहिथे भुंइया के भगवान । भूख पियास ल सहिके संगी , उपजावत हे धान । बड़े बिहनिया सुत उठ के, नांगर धर के जाथे । रगड़ा टूटत ले काम करके, संझा बेरा घर आथे । खून पसीना एक करथे, तब...
View Articleचुनाव के बेरा आवत हे
अवईया बछर मा चुनाव होवईया हे, त राजनीतिक दाँव-पेच अउ चुनाव के जम्मों डहर गोठ-बात अभी ले चालू होगे हे। अउ होही काबर नही, हर बखत चुनाव हा परे-डरे मनखे ला हीरो बना देथे अउ जबर साख-धाख वाला मनखे ला भुइयाँ...
View Articleनवा बिहान
नवा बछर के नवा अंजोर, थोकिन सुन गोठ ल मोर। उही दिन होही नवा बिहान, जेन दिन छूटही दारू तोर। तोला कहिथे सब झन चोर, कोठी के धान बेचे बर छोर। उही दिन होही नवा बिहान, जेन दिन छूटही दारू तोर। जगा-जगा सुते...
View Articleबेंदरा बिनास
चार पहर रतिया पहाईस ताहने सूरुज नरायण ललाहूं अंजोर बगरावत निकलगे। ठाकुरदिया के नीम अउ कोसुम के टीप डंगाली म जइसे रउनिया बगरिस रात भर के जड़ाय बेंदरा मन सकलागे । मिटींग बरोबर बइठे लागिस ,उंहे बुचरवा मन...
View Articleकभू तो गुंगवाही
कईसे के बांधव मोर घर के फरिका, जरगे मंहगाई नेता मन करथे बस बईठका I कोनों दांत निपोरथे, कतको झिन खिसोरथे, कुर्सी म बैठके कुर्सी भर ल तोड़थे I अज्ररहा नेता कईके मंगतीन देथे गारी, गोसैईया किथे इही मन ताय...
View Articleबोधन राम निषाद राज के गीत
ए माटी हा चन्दन हे ए माटी मा हीरा मोती,ए माटी हा चन्दन हे। मोर छत्तीसगढ़ माई,एला सौ सौ बंदन हे।। ए माटी मा हीरा मोती……………. जनम धरेंव खेलेंवे कूदेंव,ए माटी के अँगना। धुर्रा माथा मा लगायेंव,भाई बहिनी...
View Articleमोर छत्तीसगढ़ मइयां
मोर छत्तीसगढ़ मइयां। परथंव मंय तोरे पइयां। बासी के खवइया, मइयां हो sss सुग्घर बोली मीठ लागे न। हो मइयां हो sss हरियर अंचरा नीक लागे न। सुवा पंथी करमा ददरिया, नाचा मन ल भावय ग। झांझ मंजीरा घुँघरू मांदर,...
View Articleनवा बच्छर के गोठ
नौ बच्छर के संतराम डबल रोटी खाय बर सतरा दिन ले दू कोरी रुपया जमा करेबर ऐती ओती हाथ लमावत हे। जब ले डबल रोटी के नांव ल सूने हे तब ले ओकर मन उही में अटक गे हावय, फेर गरीब के लईका बर दू कोरी माने चालीस...
View Articleगुरू बबा के गियान ला गुनव
हमर छत्तीसगढ मा दिसंबर के महीना मा हमर गुरू घाँसी दास बबा के जनम जयंती ला बङ सरद्धा अउ बिसवास ले मनाथें। गुरु बबा के परति आसथा अउ आदर देखाय के सबले सुग्घर,सरल उदिम हरय जघा-जघा जयंती मनाना। उछाह के संग...
View Articleबाबा के सात सिद्धांत अउ सतनाम मनइया
हमर छत्तीसगढ़ के भूइंया हा पबरित अउ महान हे जेमा बड़े बड़े ग्यानिक अउ बिद्वान मन जनम धरीन।जौन देस अउ समाज ल नवा रद्दा बताइन।छत्तीसगढ़ बीर मन के भुइंया हरे फेर इही भुइंया मा गहिरागुरु, स्वामी आत्मानंद जइसन...
View Articleललित नागेश के गज़ल
दुख संग म मोर गजब यारी हे दरद म हांसे के बीमारी हे! कहां सकबो नगदी मोलियाय तरी उपर सांस घलो उधारी हे! आंसू म धोआगे मन के मइल काकरो बर बैर न लबारी हे ! रोना ल गाना बना दंव मय हर पा जांव हुनर के बस...
View Articleदिन आ गे धान मिसाइ के
दिन आ गे धान मिसाइ के दौरी बेलन नंदा गे हार्वेस्टर टेक्टर फंदा गे चल दिहिस दिन सवनाई के दिन आ गे धान मिसाइ के डोकरा धरे हे पनपुरवा डोकरी फटकारे चिंगरी सुरवा नई हे माटी ममहाइ के दिन आ गे धान मिसाइ के...
View Articleबोधन राम निषाद राज के तीन गीत
1. मोर कान्हा तरसाई डारे मोर कान्हा तँय जीव ला, तरसाई डारे। बिन मारे मँय तो मर गेंव, भुलाई डारे।। मोर कान्हा तँय जीव ला … ओ जमुना के तीर अउ,कदम के छइहाँ। झुलना झुलाए डारे, जोरे दूनों बइहाँ।। बही होगेंव...
View Articleनारी हे जग में महान
नारी हे जग में महान संगी, नारी हे जग में महान। मय कतका करंव बखान संगी, नारी हे जग में महान। लछमी दुरगा पारवती अऊ, कतको रुप में आइस। भुंइया के भार उतारे खातिर, अपन रुप देखाइस। पापी अत्याचारी मन से,...
View Articleबीर नरायन बनके जी
छाती ठोंक के गरज के रेंगव, छत्तीसगढ़िया मनखे जी। परदेशिया राज मिटा दव अब, फेर ,बीर नरायन बनके जी।। हांस के फांसी म झूल परिस, जौन आजादी के लड़ाई बर। उही आगी ल छाती मा बारव, छत्तीसगढ़िया बहिनी भाई बर।।...
View Articleमोर मन के बात
आज फेर तोर संग मुलाकात चाहत हंव, उही भुइंया अउ उही बात चाहत हंव। के बछर बाद मं फेर वो बेरा आही, मोर जीत अउ तोर मात चाहत हंव। मेहां बनहूं अर्जुन अउ तै हर करन, तोर-मोर बीच रइही फेर इही परन। अपन बाण तोला...
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