जाड़ भागत हे
जाड़ ह भागत हे जी, गरमी के दिन आगे। स्वेटर साल ल रखदे, कुछु ओढे ल नइ लागे। कुलर पंखा निकाल, रांय रांय के दिन आगे। घाम ह अब्बड़ बाढ़गे, गरम गरम हावा लागे। आमा अब्बड़ फरे हे, लइका मन सब मोहागे। चोरा चोरा...
View Articleनारी सक्ति
सम्मान करव जी नारी मन के, नारी सक्ति महान हे। दुरगा,काली,चण्डी नारी, नारी देवी समान हे।। किसम-किसम के नता जुँड़े हे, नारी मन के नाव में। देंवता धामी सब माँथ नवाँथे, नारी मन के पाँव में।। रतिहा बेरा लोरी...
View Articleहमला तो गुदगुदावत हे, पर के चुगली –चारी हर : छत्तीसगढ़ी गज़ल
1 जंगल के तेंदू – चार नँदागे, लाखड़ी, जिल्लो दार नँदागे। रोवत हावै जंगल के रूख मन, उनकर लहसत सब डार नँदागे। भठगे हे भर्री – भाँठा अब तो, खेत हमर, मेंढ़ – पार नँदागे। का-का ला अब तैं कहिबै भाई, बसगे...
View Articleरखवारी
जनगल के परधान मनतरी हा, जनगल म परत घेरी बेरी के अकाल दुकाल के सेती बड़ फिकर करय। जे मुखिया बनय तिही हा, जनगली जानवर मन के फिकर म दुबरा जाये। एक बेर एक झिन मुखिया ला पता चलिस के, दूर देस के जनगल म, एक...
View Articleफाग गीत –होली हे
उड़त हे अबीर गुलाल, माते हे मऊहा चार I टेसू फुले, परसा डोले, पींयर पींयर सरसों रस घोरे, दुल्हन कस धरती के सिंगारI उड़त हे अबीर गुलाल, होली हे ——– मऊरे आमा मद महकाएँ, कोयलियाँ राग बासंती गायें I कनवा,...
View Articleहोली विशेष राशिफल
होली के रंग —– राशिफल के संग हमर हिन्दू धर्म में पंचांग के बहुत महत्व हे। कोई भी काम करथन त पहिली पंचांग देखथन तब काम के शुरूआत करथन। राशिफल ह हमर जीवन में बहुत महत्व रखथे । एकर से हमला शुभ – अशुभ के...
View Articleनान्हे कहानी –सुगसुगहा
राजेश बड़ सुगसुगहा आय। थोरको मौसम बदलिस कि ओखर तबियत बिगड़ जातीस। धुर्रा माटी हा ओखर जनम के बैरी रिहिस होही। राजेश हा अइसे तो बड़का कंपनी मा नउकरी करथे। तनखा घलो बनेच मिलथे। दाई ददा ले दुरिहा, कंपनी के घर...
View Articleझिरिया के पानी
मयं झिरिया के पानी अवं, भुंइया तरी ले पझरत हवव, मयं झिरिया के पानी अवं, मयं झिरिया के पानी……. अभे घाम घरी आगे, नदिया नरवा तरिया अटागे, नल कूप अउ कुआं सुखागे, खेत खार, जंगल झारी कुम्हलागे, तपत भुईया के...
View Articleलघुकथा –नौकरी के आस
राजेश अऊ मनोज दूनों पक्का दोस्त रिहिसे। दूनों कोई पहिली कक्षा से बारहवीं कक्षा तक एके साथ पढ़ीस लिखीस अऊ बड़े बाढ़हीस। दूनों झन के दोस्ती ह गांव भर में परसिद्ध रिहिसे। कहुंचो भी आना जाना राहे दूनों कोई...
View Articleदारू छोड़व
झन पी तैं दारू ला संगी , एक दिन तेहा पछताबे। सब कुछ खतम हो जाही ता , काला तेहा खाबे।। छोड़ दे तेहा दारू पीना , आदी तैं हो जाबे। बड़े बड़े बिमारी आही, जान अपन गंवाबे।। लड़ाई झगड़ा छोड़ दे , झन कर तैं...
View Articleरूख तरी आवव
रूख तरी आवव, झुलवा झुलव,थोरकुन बइठव, सुसता लेवव, रूख तरी आवव…… घाम गम घरी आगे रुख तरी छइया पावव, जिनगी के आधार रूख तरी आसरा पावव. रूख तरी आवव…… चिरिया-चिरगुन,पंछी-परेवा बर रूख सुघ्घर ठीहा हवय, चलत...
View Articleहिसार म गरमी
चालू होवत हवय गरमी, जम्मो लगावय डरमी कूल। लागथे सूरज ममा हमन ल, बनावत हे अप्रिल फूल।। दिन म जरे घाम अऊ, रतिहा म लागथे जाड़। एईसन तो हवय संगी, हरियाणा म हिसार।। कोन जनी का हवय, सूरज ममा के इच्छा।...
View Articleछत्तीसगढ़ के माटी
मोर छत्तीसगढ़ के माटी जी, मोर छत्तीसगढ़ के माटी। हीरा मोती सोना चाँदी…2 छत्तीसगढ़ के माटी… मोर छत्तीसगढ़ के माटी जी, मोर छत्तीसगढ़ के माटी। इही भुइयाँ मा महाप्रभु जी, लिये हावे अँवतारे हे…2 इही भुइयाँ मा...
View Articleआगे चुनई तिहार
तैं मोला वोट भर दे दे, मैं तोला सब देहुँ.. एक माँगबे, चार देहुँ, साल में बहत्तर हजार देहुँ, खाये बर चाउर देहु, पिये बर दारू देहुँ, चौबीस घंटा बिजली देहुँ, फूल माँगबे तितली देहुँ तैं मोला वोट भर दे दे,...
View Articleचुनाव अउ मंदहा सेवा
चुनाव तिहार के बेरा आवत देख मंदहा देवता हा अइलाय भाजी मा पानी परत हरियाय बरोबर दिखे लगथे।थोकिन अटपटहा लगही कि मेहा मंदहा ला देवता कहि परेंव फेर चुनाव के बेरा मा सबके बिगड़ी बनइया काम सिधोइया इहीच हा आय।...
View Articleसिवनी (नैला) के चैत नवरातरी के संतोषी मेला
छत्तीसगढ़ म मेला ह हमर समाज संसकिरिती म रचे-बसे हावय जेखर कारन येखर हमर जीनगी म अब्बडेच़ महत्तम रखथे। माघी पून्नी ले जम्मों छत्तीसगढ़ म मेला भराये के सुरू हो जाथे। चाहे वोह राजीम के मेला हो, चाहे...
View Articleआगे परब नवरात के
आगे परब नवरात के, मंदिर देवाला सजाबो। सुग्घर लीप पोत के, कलशा मा दियना जलाबो।। ढ़ोल नंगाड़ा बजा के सुग्घर, माता रानी ला परघाबो। मंगल आरती गा के सुग्घर, माता ला आसन बइठाबो।। संझा बिहनिया करके आरती, दाई ला...
View Articleराम जन्म : सबके बिगड़े काम सँवारथे श्रीराम
तुलसीदास हा रामचरित मानस लिखके,गाके अपन जिनगी ला तो सँवारिस अउ संगे संग कलियुग के राम नाम लेवाइया मन के बिगड़ी ला बना दिस।हर कल्प मा राम हा उँखर नाम लेवइया मनके उद्धार करे हे,भाग्य सँवारे हे। प्रभु राम...
View Articleमाता ला परघाबो
आवत हावय दुर्गा दाई, चलव आज परघाबो । नाचत गावत झूमत संगी, आसन मा बइठाबो ।। लकलक लकलक रूप दिखत हे, बघवा चढ़ के आये । लाली चुनरी ओढे मइया, मुचुर मुचुर मुस्काये ।। ढोल नँगाड़ा ताशा माँदर, सबझन आज बजाबो ।...
View Articleबंदत्त हंव तोर चरन ल
गांव के मोर कुशलाई दाई बिनती करत हंव मैं दाई सुन ले लेते मोरो गुहार ओ दुखिया मन के दुख ल हर लेथे बिपति म तै खड़ा रहिथे अंगना म तै बैठे रहिथे जिनगी सफल हो जाथिस सुघ्घर रहथिस मोरो परिवार ओ तोरे चरन के गुन...
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