घासी ह बइला गाडी ल तियार करत हे ,अपन ससुरार सिरपुर जाय बर । सवारी गाडी ये ।रथ बरोबर सजाय हे ।घासी ह, सादा के धोती कुरता पहिरे हे ।सिर म, सादा के पागा बांधे हे ।कंधा म ,अलगी लटकाय हे। पांव म, नोकदार चर्राहट पनही पहिरे हे। बइला हीरा मोती ल, घलो बढिया सम्हराय […]
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