Quantcast
Channel: gurtur goth
Browsing all 1686 articles
Browse latest View live

मोर भुईयां के भगवान

जाँगर तोड़ कमाये तेहा ग किसान, मरत हाबस तभो ले बनगे हस महान I भुररी असन लेसावत हे तोरो अरमान, टेटकत अऊ सेकावत हे तोरो येदे परान I तभो ले तेहा संगी भुईयां के भगवान I जिनगी म नईये तोरो कोई मुकाम, कईसे...

View Article


धर्मेन्द्र निर्मल के पाँच गज़ल

कौड़ी घलो जादा हे मोल बोल हाँस के कौड़ी घलो जादा हे मोल बोल हाँस के। एकलउता चारा हे मनखे के फाँस के।। टोर देथे सीत घलो पथरा के गरब ला। बइठ के बिहिनिया ले फूल उपर हाँस के।। सबे जगा काम नइ आय, सस्तर अउ...

View Article


मोरे छत्तीसगढ़ के संगवारी

मोरे छत्तीसगढ़ के संगवारी भैईया मोरे किसान बैईला, नागर, तुतारी तोरे पहचान भुईयाँ दाई तोरे महतारी गा सियान तोला कहिथे छत्तीसगढ़ के मितान भैईया मोरे किसान। मोरे छत्तीसगढ़ के संगवारी भैईया मोरे बनिहार...

View Article

गजानंद प्रसाद देवांगन जी के कविता

चूनी के अंगाकर कनकी के माढ़ । खा के गुजारत हे जिनगी ल ठाढ़ । कभू कभू चटनी बासी तिहार बार के भात । बिचारा गरीब के जस दिन तस रात । चिरहा अंगरखा कनिहा म फरिया । तोप ढांक के रहत छितका कस कुरिया । उत्ती के...

View Article

मुर्रा के लाड़ू : नान्हे कहिनी

घातेच दिन के बात आय। ओ जमाना म आजकाल कस टीवी, सिनेमा कस ताम-झाम नई रहिस। गांव के सियान मन ह गांव के बीच बइठ के आनी-बानी के कथा किस्सा सुनावयं। इही कहानी मन ल सुनके घर के ममादाई, ककादाई मन अपन- अपन...

View Article


सियान मन के सीख : चोला माटी के हे राम

सियान मन के सीख ला माने मा ही भलाई हे। तइहा के सियान मन कहय-बेटा! चोला माटी के तो आय रे। फेर संगवारी हो हमन उॅखर बात ला बने ढंग ले समझ नइ पाएन। संगवारी हो जब.जब अक्ति के तिहार आथे अउ माटी के...

View Article

ये दुनिया हे गोल तैय कुछ मत बोल

ये दुनिया हे गोल तैय कुछ मत बोल ये आधुनिक युग के जावाना तैय झन पछताना कान मा सुन आँखी मा देख अपन रद्दा चुपचाप रेग। जिन्दगी होगे सुखियार काम बुता मा मन नईय लागे जबले आलस्य हा डाले डेरा जागर मा पड़गे...

View Article

जय सिरजनहार, जय हो बनिहार

पहार काट के रद्दा बनइया भुइंया ले पानी ओगरइया भट्टी म तै देह तपइया ईंन्टा-पखरा के डोहरैया खदान ले कोइला निकलइया बिल्डिंग अउ महल के बनइया तभो ले ओदरे घर म रहइया तै बिस्करमा के सन्तान जय सिरजनहार,जय हो...

View Article


वृत्तांत- (1) इंहे सरग हे : भुवनदास कोशरिया

संतरू के अंगना म पारा भर के लइका मन सकलाय हे। आज अकती ये। पुतरी, पुतरा के बिहाव करे बर, आमा डारा के छोटे कन ढेखरा ल मढवा बना के आधा लइका मन पुतरा अउ आधा लइका मन पुतरी के सगा सोदर, ढेडहीन, सुवासिन अउ...

View Article


छत्तीसगढ़ी

हमर बोली छत्तीसगढ़ी जइसे सोन्ना चांदी के मिंझरा , सुघ्घर लरी । गोठ कतेक गुरतुर हे ये ला जानथें परदेसी । ये बोली कस , बोली नइये – मान गे हें बिदेसी ॥ गोठियाय म , त लागथेच – सुने म घला सुहाथे , देवरिहा...

View Article

अक्षर दीप जलाबोन

अक्षर दीप जलाबोन संगी निरक्षरता के अंधियार मिटाबोन ज्ञान के मशाल धरके गली गांव तक जाबोन सब कोई पढ़बोन अऊ पढ़ाबोन सब कोई होही साक्षर नइ राहे तब ये जग म भंइस बराबर काला अक्षर नोनी पढ़ही बाबू पढ़ही पढ़ही बबलू...

View Article

भुंइया के भगवान

मोर छत्तीसगढ़ के किसान जेला कहिथे भुंइया के भगवान | भूख पियास ल सहिके संगी उपजावत हे धान | बड़े बिहनिया सुत उठ के नांगर धरके जाथे | रगड़ा टूटत ले काम करके संझा बेरा घर आथे | खून पसीना एक करथे तब मिलथे एक...

View Article

18 मई बट सावितरी पूजा विसेस : सत्यवान के खोज (बियंग)

नगर म हलाकान परेसान माईलोगिन के दुख नारद ले नी देखे गिस । जिनगी म सुख भोगे के रद्दा बतावत किहीस के, जेठ मास अमावस तिथि के बड़ रूख के पूजा करे बर लागही । त भगवान सिव जी परसन्न हो जही, अउ तोर जिनगी म...

View Article


हेमलाल साहू के कविता

हमर माटी हमर गोठ भगवान के पूजा करथव सही रद्दा मा चलथव। सब्बो झन ला अपन समझथव ज्ञान के संग ला धरथव अपन अज्ञानता ला भगाथव दाई ददा के गुन गाथव। ईश्वर के मया, कृपा अऊ दुलार हे छत्तीसगढ़ माटी के पहचान हे।...

View Article

वृत्तांत- (8) सिरपुर के पुन्नी घाट : भुवनदास कोशरिया

सिरपुर के पुन्नी घाट मा, जन सुनवाई के होय,बइठका ह समापन होइस। सब अपन ,अपन गांव, घर जाय लगिस।पेशवा शासक के पैेरोकार अपन अपन घोडा म सवार हो के दर, दर रइपुर निकलगे। पुन्नी संघ के जम्मो सदस्य मन ,घासी के...

View Article


वृत्तांत- (7) अपन धरती अपन आगाश : भुवनदास कोशरिया

भीड ओसरी पारी खरकत गिस ।सब अपन अपन घर जाय लगिस ।सफुरा ह गाडी म चढीच। घासी घलो गाडी म बइठ के बइला ल खेदे लग गे ।आगू आगू अंजोरी मंडल अउ संगे संगे गोल्लर नंदीराज घलो जावत हे ।घांघडा बइला के आवाज गली गली म...

View Article

वृत्तांत- (6) सबे जीव के सरेखा ..रखना हे : भुवनदास कोशरिया

घासी के बइला गाडी सोनखनिहा जंगल ल पार होगे ।अब छोटे ,छोटे जंगल, पहार, नदिया, नरवा अउ कछार ,उबड, खाबड खेती ,खार , रस्ता ल नाहकत हे । गाडी के खन खन ,खन खन करत घांघडा के आवाज ले बघुवा ,भलुवा चीतवा सब...

View Article


वृत्तांत- (5) कौरा के छिनइ अउ जीव के बचई : भुवनदास कोशरिया

घासी ह बइला गाडी ल तियार करत हे ,अपन ससुरार सिरपुर जाय बर । सवारी गाडी ये ।रथ बरोबर सजाय हे ।घासी ह, सादा के धोती कुरता पहिरे हे ।सिर म, सादा के पागा बांधे हे ।कंधा म ,अलगी लटकाय हे। पांव म, नोकदार...

View Article

संपादकीय : का तैं मोला मोहनी डार दिये

संगी हो देखते देखत हमर साहित्य के भण्डार बाढ़त जावत हे। हमर सियान अउ हमर भाखा के परेमी गुनीक मन छत्तीसगढ़ी भाखा ल संविधान के आठवीं अनुसूची म लाए खातिर अपन-अपन डहर ले उदीम म लगे हन। सांसा ले आसा हवय, आज...

View Article

कविता –सब चीज नंदावत हे

चींव चींव करके छानही में चिरइया गाना गावाथे | आनी बानी के मशीन आय ले सब चीज नंदावत हे || धनकुट्टी मिल के आय ले ढेंकी ह नंदागे घरर घरर जांता चले अब कोन्टा में फेंकागे गली गली में बोर होगे तरिया नदिया...

View Article
Browsing all 1686 articles
Browse latest View live


<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>