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धरसींवा के शिव मन्दिर

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चरौदा, धरसींवा रायपुर में स्थित शिव मन्दिर के इतिहास के बारे आप अगर गाँव सियान मन ल पूछहू त झटकुन ऊँखर जुबान म पहिली नाम बाबू खाँ के आथे, हाँ ये उही बाबू खाँ आए जब 45 साल पहिली जब पूरा देश आजादी के प्रभात फेरी अऊ जश्न मनाए म डूबे रिहिस त बाबू खाँ अपन मुस्लिम परिवार समेत तहज़ीब के नवा इबारत गढ़े म व्यस्त रिहिस |

रायपुर से 20 किमी दूर ग्राम चरोदा म तब बाबू खाँ सरपंच रिहिस अऊ गाँव वाले मन संग बहुत ही मिलनसार रिहिस कि गाँव वाले मन के आस्था ल देख प्रेरित होकर के आज ही के दिन 15 अगस्त 1973 के स्वतंत्रता दिवस के अवसर म गाँव वाला मन बर शिव मंदिर के स्थापना कर डरिस | अऊ सिर्फ स्थापना ही नहीं बल्कि जतका गाँव वाले मन में श्रद्धा शिव मन्दिर बर रिहिस वोतका श्रद्धा से ही शिव मन्दिर के देखभाल घलो करिन | छत्तीसगढ़ एक अईसे प्रदेश आए जहाँ घर्म के कभू लडाई नई रिहिस | इंहा हिन्दू मुस्लिम के मीत-मितानी अऊ हमदर्दी के परंपरा जियत आए हे हमर पुरखा मन |

हमर प्राचीन भारतीय सभ्यता के प्रतीक हे शिव मंदिर
हमर जुन्ना सभ्यता के प्रतीक हरय इहा के शिव मंदिर, जेन पहिली एहा टीला के रूप म रिहिस, टूटे फूटे पथरा के ऊपर म दू नारी मूर्ति रिहिस जेन ल मनखे मन महामाया के रूप म सुमरत रिहिन, ए टीला के पाछू ढहन एक ठन गड्ढा रिहिस जेमा हमेशा पानी भराय रहे, जेन ह आज बावली के रूप म हे ए गांव के मन एकर रहस्यमय ल जाने बर किला के खुदई १९६९ म शुरू करे गे, जेमे ईटा पथरा के टुकड़ा अउ टूटे फूटे कुछ पथरा के मूर्ति, बड़े बड़े खम्भा एक चरकोनहा नीव परकोटा मिलिस दूसर नीव के बीच म मुख्य मंदिर जेन जुन्ना भी रिहिस ओ टूटहा भाग निकरे के बाद गांव वाला मन ल ए विश्वास होगे कि भीतरी म दबे शिवलिंग जरूर हे, अउ खुदई के कुछ दिन बाद शिवलिंग के भी प्राप्ति होइस, अब एकर से ए अनुमान लगाय जा सकथे कि इहा पहिली काल म विशाल मंदिर रिहिस अउ सम्भव ही हमर ए क्षेत्र ल चारोधाम के नाव से जाने जात रिहिन जेन आज वर्तमान म चारोधाम से चरौदा होगे इहा प्राचीन माता के मंदिर के कारन ही गांव वाला मन मंदिर के निरमान बर निर्णय लीन अउ गांव के हर घर से चंदा अउ श्रमदान के बाद बहुत बड़े मंदिर के निर्माण करे गे जेन खुदई के बाद मिले शिवलिंग ल मुख्य मंदिर म सन १९७३ म प्रतिस्थापित करे गे बस उहि समय से इहा हर बछर पूर्णिमा म छेरछेरा के पुन्नी मड़ई होथे अउ माने जथे कि भगवान मुक्तेश्वर भोलेनाथ के दर्शन अउ बावली के पवित्र जल से असनान करे से सब भक्तमन के मनोकामना घलो पूरा होथे।

मंदिर के एक बार फिर से स्थापना
चरौदा के ऐतिहासिक शिव मंदिर के फिर से स्थापना कर जात हे सितम्बर२०१८ के तारिक़ १९,२०,२१ के पूरा पूजा अर्चना के बाद मूर्ति ल बाहिर निकाले गेहे, अभी मंदिर के स्थापना बर लगभग दु करोड़ रुपया लागत आंके गेहे, दानी मन के द्वारा मंदिर निर्माण समिति के खुले हाथ से करे जात हे, ग्राम पंचायत चरौदा के *सरपंच श्री प्रदीप वर्मा* अउ गांव के रहईया मन अपन जी जान अउ मेहनत से मंदिर के निर्माण म सहयोग देत हे।

मोर छत्तीसगढ़िया भाई बहिनी मन ले आग्रह हे कि धर्म के अन्धत्व के चश्मा ल फेंक के अपन पुराना संस्कृति ल झांकव अऊ बाबू खाँ जईसन कतकोन छत्तीसगढ़िया हमर पुरखा के नाम के या तो दब गे हे ओला आगु लाने म मदद करव तब हम हमर छत्तीसगढ़िया संस्कृति ल बचा पाबोन, तब हम सही रूप से छत्तीसगढ़ म छत्तीसगढ़ियावाद स्थापित कर पाबोन अऊ तभे बाहिर ले आए परदेशिया मन के शोषण ले छत्तीसगढ़ महतारी ल आजाद करा पाबोन।

प्रफुल्ल वर्मा
ग्राम परसतराई (धरसींवा)
जिला रइपुर

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