धरसींवा के शिव मन्दिर
चरौदा, धरसींवा रायपुर में स्थित शिव मन्दिर के इतिहास के बारे आप अगर गाँव सियान मन ल पूछहू त झटकुन ऊँखर जुबान म पहिली नाम बाबू खाँ के आथे, हाँ ये उही बाबू खाँ आए जब 45 साल पहिली जब पूरा देश आजादी के...
View Articleतीजा –पोरा के तिहार
छत्तीसगढिया सब ले बढ़िया । ये कहावत ह सिरतोन मा सोला आना सहीं हे । इंहा के मनखे मन ह बहुत सीधा साधा अउ सरल विचार के हवे। हमेशा एक दूसर के सहयोग करथे अउ मिलजुल के रहिथे । कुछु भी तिहार बार होय इंहा के...
View Articleराजागुरु बालकदास : छत्तीसगढ़ गवाही हे
भिंसरहा के बात आय चिरइ चुरगुन मन चोंहचीव चोंहचीव करे लगे रहिन…अँजोरी ह जउनी हाथ म मोखारी अउ लोटा ल धरे डेरी हाथ म चूँदी ल छुवत खजुवावत पउठे पउठा रेंगत जात हे धसर धसर।जाते जात ठोठक गे खड़ा हो के अंदाजथे...
View Articleतीजा पोरा
तीजा पोरा के दिन ह आगे , सबो बहिनी सकलावत हे। भीतरी में खुसर के संगी , ठेठरी खुरमी बनावत हे।। अब्बड़ दिन म मिले हन कहिके, हास हास के गोठियावत हे। संगी साथी सबो झन, अपन अपन किस्सा सुनावत हे।। भाई बहिनी...
View Articleतीजा तिहार
रद्दा जोहत हे बहिनी मन, हमरो लेवइया आवत होही। मोटरा मा धरके ठेठरी खुरमी, तीजा के रोटी लावत होही।। भाई आही तीजा लेगे बर, पारा भर मा रोटी बाँटबोन। सब ला बताबो आरा पारा, हम तो अब तीजा जाबोन।। घुम-घुम के...
View Articleगणेश पूजा अउ राष्ट्र भक्ति
भारत के आजादी मा गणेश भगवान अइसे तो भगवान गणेश के पूजा आदिकाल से होवत आत हे।कोनो भी पूजा, तिहार बार के शुरुआत गणेश के पूजा ले होथय।सनातन अउ हिन्दू रीति रिवाज मा गणेश ला प्रथम पूज्य माने गय हे। गौरी...
View Articleहमर देस राज म शिक्षक के महत्तम
कोनो भी देस के बिकास ह सिछक के हाथ म होथे काबर के वो ह रास्ट्र के निरमान करता होथे। वो ह देस के भबिस्य कहे जाने वाला लईकरन मन ल अपन हर गियान ल दे के पढ़ईया लईकरन मन ल ये काबिल बनाये के कोसिस करथे के वो...
View Articleव्यंग्य : बड़का कोन
सरग म खाली बइठे बइठे गांधी जी बोरियावत रहय, ओतके बेर उही गली म, एक झिन जनता निकलिस। टाइम पास करे बर, गांधीजी हा ओकर तिर गोठियाये बर पहुंचके जनता के पयलगी करिस। गांधी जी ला पांव परत देखिस त, बपरा जनता...
View Articleसुरता
सुरता बर बेरा नी लागे सुध कतको बेर लाम जथे हिरदे के दुख आगर होथे त आंखी ले आंसू के धार अथे सुरता ह हंसाथे,सुरता ह रोवाथे बीते बेरा के एकेक पल छिन आंखी आंखी में झूल जाथे बड़ मुस्किल होथे कोनो ल बिसराना...
View Articleछत्तीसगढ़ी नवगीत
जावन दे तैं घर छोड़ दे नोनी अब तो मोला जावन दे तैं घर। छेरी-पटरू लुलवावत होही बिन चारा-पानी के कब तक हम गोठियायवत रहिबोन कहनी अपन जवानी के । अभी उमर कचलोईहा हावय मिलबोन आगू बछर। खेत-खार बारी-बखरी के...
View Articleसदगुरु
पारस जइसे होत हे , सदगुरु के सब ज्ञान । लोहा सोना बन जथे , देथे जेहा ध्यान ।। देथे शिक्षा एक सँग , सदगुरु बाँटय ज्ञान । कोनों कंचन होत हे , कोनों काँछ समान ।। सत मारग मा रेंग के , बाँटय सबला ज्ञान ।...
View Articleजियत ले मारिस डंडा , मरिस त लेगिस गंगा
तइहा तइहा के बात आय। पैरी नदी के खंड़ म राजिम नाव के गांव रहय। राजिम म खालहे डहर महानदी अऊ पैरी नदी के संगम घला रहय। असाढ़ सावन म महानदी के पानी सिद्धा राजिम के गली म खुसर जाये तेकर सेती राजिम के घर...
View Articleजिए केअधिकार जम्मो झन ल हे
जिनगी ह काखरो जिनीस नोहे जेला कोन्हो घलो जब चाही तब नगा लीही।जिए के अधिकार जम्मो झन ल हे।चाहे वो चिरयी चुरगुन,जीव जनतु कोन्हो रहाय इहां तक रुख राई ल घलव जिए केअधिकार हे।फेर आजकल इंखर मन ले गये बीते...
View Articleपितर के दिन आ गे
पितर के दिन आगे संगी , बरा सोहारी बनावत हे।बिहनिया ले उठ के दाई, हुम जग ला मढ़हावत हे।।बबा ह आही कहिके , सबो झन ल बतावत हे।दुवारी ला लीप बहार के , लोटा ला मढ़हावत हे।। छानही मा कौआ बइठे , काँव काँव...
View Articleकहानी : ददा
“ललित!ए ललित!उठ ना रे!बेरा उगे हे।अउ कतेक बेर ले सुतबे?””एक कनी अउ सुतन दे दाई।अभी तो सात बजे हे।”अपन मुड़सरिया में रखे मोबाइल ल एक आंखी ल उघारके समे देखत ललित ह कथे।ताहने फेर चद्दर ल ओढके सुत जथे।अउ...
View Articleनरवा गरवा घुरवा बारी
नरवा गरवा घुरवा बारी योजना के चर्चा अभी पूरा देश में चलत हे। ए योजना ह छत्तीसगढ़ सरकार के महत्त्वपूर्ण योजना आय जेकर माध्यम ले गांव ल आत्मनिर्भर बनाय के उदीम होवत हे। कतको मनखे ल तो ए योजना ह समझ में...
View Articleसरवपीतरमोछ अमावस
हमर भारतीय संसकिरीति पूरा विस्व म सबसे पुराना अऊ सनातन हावय। हमर हिंदू धरम के अनुसार जेहा पिरिथिवी लोक म जनम लेहे हाबय ओखर मरना निसचित हाबय। चाहे वो ह भगवान के अवतार राम भगवान हो चाहे किसन भगवान हो।...
View Articleकविता : तोर पाईंया लागत हंव बाबा
मनखे-मनखे ल एक करे बर दे हस सन्देश गुरु घासीदास बाबा ,सत के पुजारी मोरे बाबा तोरे चरन के धुर्रा ल मान्थ म लगावां जी डोंगरी – पहाड़ म कैसे काटे जीवन सत के रद्दा दिखाये मनखे मन ल साधा के धोती साधा हावय...
View Articleअड़हा बईद परान घात
मोहना महराज ला नवागढ़ छेत्र म कोन नी जानय। नाड़ी बईद के नाम से परसिद्ध रहय मोहना महराज हा। जेकर हाथ नाड़ी ला छू देतिस तेकर कलयान हो जतिस। छोटे मोटे बीमारी से लेके भूत परेत मरी मसान तको ला भगाये के दवई...
View Articleनान कुन कहानी : ठौर
“मारो मारो” के कोलहार ल सुन के महुं ह खोर डाहर निकलेव। एक ठन सांप रहाय ओखर पीछु म सात-आठ झन मनखे मन लाठी धऱे रहाय। “काय होगे” में केहेव। “काय होही बिसरु के पठेवा ले कुदिस धन तो बपरा लैका ह बांच गे नी...
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