
रद्दा जोहत हे बहिनी मन,
हमरो लेवइया आवत होही।
मोटरा मा धरके ठेठरी खुरमी,
तीजा के रोटी लावत होही।।
भाई आही तीजा लेगे बर,
पारा भर मा रोटी बाँटबोन।
सब ला बताबो आरा पारा,
हम तो अब तीजा जाबोन।।
घुम-घुम के पारा परोस में,
करू भात ला खाबोन।
उपास रहिबो पति उमर बर,
सुग्घर आसिस पाबोन।।
फरहार करबो ठेठरी खुरमी,
कतरा पकवान बनाके।।
मया के गोठियाबोन गोठ,
जम्मों बहिनी जुरियाके।
रंग बिरंगी तीजा के लुगरा,
भाई मन कर लेवाबोन।
अइसन सुग्घर ढ़ंग ले संगी,
तीजा तिहार ला मनाबोन।।
गोकुल राम साहू
धुरसा-राजिम(घटारानी)
जिला-गरियाबंद(छत्तीसगढ़)
मों.9009047156
The post <span>तीजा तिहार</span> appeared first on गुरतुर गोठ .