वाह रे चुनाव तोर बुता जतिच नाव। जब ले तंय आए हच,होगे काँव काँव। भाई संग भाई ल तंय हा,लड़वा डरे जनम भर के मित मितानी,छिन भर म मेंट डरे। जेती देखबे उहि कोती हाबय हांव हांव।वाह रे चुनाव———– छल करे अइसे सबला,बनादेच लबरा गैरि कस मता डरे,पारा पारा झगरा। काट डरे मया रुख कांहाँ […]
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