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Channel: gurtur goth
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कविता : हुसियारी चाही रे

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नाली चाही बिजली पानी चाही रे। कोनो होवय नेता मा दमदारी चाही रे।। नान-ना काम बर घूमेल झन लागय, भसटाचारी मन दुरीहा भांगय, गरीब के संगवारी चाही रे। जाम झन होवय रद्दा मोटर गड़ी मा , दिया छोड़ कुछू माढ़य झन दुवारी मा। हमला ता रोड खाली-खाली चाही रे।। नाचय झन जेन हा पईसा मा, […]
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