Quantcast
Channel: gurtur goth
Viewing all articles
Browse latest Browse all 1686

गाँव कहाँ सोरियावत हें (छत्तीसगढ़ी कविता संग्रह के कुछ अंश )

$
0
0
जुन्ना दइहनहीं म जब ले दारु भट्ठी होटल खुलगे टूरा टनका मन बहकत हें सब चाल चरित्तर ल भूलगें मुख दरवाजा म लिखाये हावय पंचयती राज जिहाँ चतवारे  खातिर चतुरा  मन नई आवत हांवय बाज उहाँ गुरतुर भाखा सपना हो गय सब काँव -काँव  नारियावत हें देखते देखत अब गाँव गियाँ सब सहर कती ओरियावत हें ! […]
Continue reading...

Viewing all articles
Browse latest Browse all 1686


<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>