Quantcast
Channel: gurtur goth
Viewing all articles
Browse latest Browse all 1686

तन के साधु, मन के शैतान

$
0
0

ये दे नवरातरी हा आगे,मनखे मन के तन मा नौ दिन बर भक्ति के शक्ति समागे। बिन चप्पल के उखरा, दाढ़ी मेछा के बाढ़, मंद-मउँहा के तियाग, माथा ले नाक बंदन मा बुँकाय सिरिफ नौ दिन नारी के मान-गउन, कन्या के शोर-सरेखा। तहाँ ले सरी अतियाचार हा नारी देंह के शोभना बन जाथे। नारी देवी ले पाँव के पनही सिरिफ नौ दिन मा ही लहुट जाथे। सरी सरद्धा अउ भक्ति हा नौ दिन के बाद उतर जाथे। कन्या के नाँव सुनते साठ तरपौरी के गुस्सा हा तरवा मा चढ़त देरी नइ लागय। बेटी ला कोंख मा मारे के सरी उदिम बड़ जतन ले करके अपन आप ला बड़ बहादुर समझइया मनखे हा असल मा भीतर ले बड़ कमजोरहा होथे। वो चाहथे के मोर राज जीयत भर चलत रहय। नारी के मान-मरजाद के रखवार हा ही ओखर लुटइया होथे। कन्या अउ नारी फूल असन कोंवर होथे जेला हथेरी ले रमजे के नहीं आदर अउ सरद्धा सरी जिनगी सिरजाय के जीनिस आय। सिरिफ नौ दिन नवराति भर सरद्धा अउ भक्ति के रुप नो हे कन्या अउ नारी हा ये तो सरी जिनगी सरद्धा के साक्छात मूरत हरय।

कन्हैया साहू “अमित”
शिक्षक -भाटापारा
संपर्क~9200252055



The post तन के साधु, मन के शैतान appeared first on गुरतुर गोठ Chhattisgarhi.


Viewing all articles
Browse latest Browse all 1686


<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>