डर
सोंचथौं, कईसे होही वो बड़े-बड़े बिल्डिंग-बंगला, वो चमचमावत गाड़ी, वो कड़कड़ावत नोट, जेखर खातिर, हाथ-पैर मारत फिरथें सब दिन-रात, मार देथें कोनों ला नइ ते खुद ला? अरे! वो बिल्डिंग तो आवे ईंटा-पथरा के, कांछ...
View Articleनवा साल मं
महिना के का हे संगी हो? आत रइही-जात रइही, जनवरी,फरवरी…। साल के का हे संगी हो? आत रइथे-जात रइथे ये तो, …..दू हजार अठारा, दू हजार अठारा ले दू हजार ओन्नईस, ओन्नईस ले बीस,बीस ले….। बदलत रईही कलेंडर घलोक।...
View Articleव्यंग्य-हनुमान के जात
बैकुण्ठ धाम म भगवान राम ह माता सीता संग सुंदर सिंघासन म बिराजमान होके इहलोक के संबंध म चरचा करत रहय वतकी बेरा म हनुमानजी उंहा पहुंचथे अउ पैलगी करथे।हनुमान जी ल उदुपहा बैकुण्ठ धाम म आय देखके श्री...
View Articleधानी भुईया मोर छत्तीसगढ़
बड़ सुग्घर महतारी के कोरा धान कटोरा धानी रे। डोंगरगढ़ बमलई ईहा तेलिन दाई के घानी रे।। पैरी सोंढुर के धार संग महानदी के पानी हे। जनमेन इही भुइया म धन धन हमरो जिनगानी हे।। जुड़ पुरवाही झकोरा म लह लहावत धान...
View Articleमोर दाई छत्तीसगढ़
मैं तोर दुःख ल काला बताओ ओ मोर दाई छत्तीसगढ़ तोर माटी के पीरा ल कति पटक के आओ मोर दाई छत्तीसगढ़। कइसन कलपत हे छत्तीसगढ़ीया मन, अपन भाखा ल बगराये बर सुते मनखे ल कइसे मैं नींद ले जगाओ ओ मोर दाई छत्तीसगढ़।...
View Articleजाड़ के महीना
आ गे जाड के महीना , हाथ गोड जुडावत हे । कमरा ओढ के बबा ह , गोरसी ल दगावत हे । पानी ल छुत्ते साठ , हाथ ह झिनझिनावत हे । मुहूं म डारते साठ , दांत ह किनकिनावत हे । तेल फुल चुपर के , लइका ल सपटावत हे ।...
View Articleबलदाऊ राम साहू के छत्तीसगढ़ी गज़ल
1 झन कर हिसाब तैं, कौनो के पियार के । मया के लेन-देन नो हे बइपार के । मन के मंदिरवा मा लगे हे मूरत ह, कर ले इबादत, राख तैं सँवार के । मन के बात ला, मन मा तैं राख झन, बला लेते कहिथौं, तैं गोहार पार के।...
View Articleनान्हे कहिनी : नवा बछर के बधाई
नवा साल के नवा बिहनिया राहय अउ सुग्घर घाम के आनंद लेवत “अंजनी” पेपर पढ़त राहय। ओतके बेरा दरवाजा के घंटी ह बाजथे। “अंजनी” पेपर ल कुरसी म रख के दउड़त दरवाजा ल खोलथे।”अंजनी” जी काय हालचाल कइसे हस ? “अंजनी”...
View Articleआल्हा छंद –नवा बछर के स्वागत करलन
बिते बछर के करन बिदाई,दे के दया मया संदेश। नवा बछर के स्वागत करलन,त्याग अहं इरखा मद द्वेष। आज मनुष्य हाथ ले डारिस,विश्व ज्ञान विज्ञान समेट। नवा बछर मा हमू खुसर जन,खोल उही दुनिया के गेट। हंसी खुशी मा हर...
View Articleनवा बछर के मुबारक हवै
जम्मो झन हा सोरियावत हवै, नवा बछर हा आवत हवै। कते दिन, अऊ कदिहा जाबो, इहिच ला गोठियावत हवै।। जम्मो नौकरिहा मन हा घलो, परवार संग घूमेबर जावत हवै। दूरिहा-दूरिहा ले सकला के सबो, नवा बछर मनावत हवै।। इस्कूल...
View Articleगढ़बो नवा छत्तीसगढ़
हमर छत्तीसगढ़ ल बने अठारह बछर पुर गे अउ अब उन्नीसवाँ बछर घलोक लगने वाला हे, अउ येही नवा बछर म हमर छत्तीसगढ़ राज म नवा सरकार के गठन घलोक होये हे येही नवा सरकार बने ले सब्बो छत्तीसगढ़िया मन के आस ह नवा...
View Articleमोला करजा चाही
पाछू बच्छर दू बच्छर ले करजा के अतेक गोठ चलत हे कि सुन-सुन के कान पिरागे हे।फलाना के करजा,ढेकाना के करजा।अमका खरचा करे बर करजा।ढमका खरचा बर करजा।राज के करजा।सरकार के करजा।किसान के करजा।मितान के करजा।...
View Articleबेरोजगारी
दुलरवा रहिथन दई अऊ बबा के, जब तक रहिथन घर म। जिनगी चलथे कतका मेहनत म, समझथन आके सहर म।। चलाये बर अपन जिनगी ल, चपरासी तको बने बर परथे। का करबे संगी परवार चलाये बर, जबरन आज पढ़े बर परथे।। इंजीनियरिंग,...
View Articleनवा पहल 2019
1. नवा बसर मा नवा पहल होवय, मनखे परान परबल होवय। शुभ चरितर अऊ सबो के भविष्य उज्जर होवय।। नवा बसर मा नवा पहल होवय। 2. मया मेहनत के पानी मा, चीखला होवय ,माटी मा। ऊपर तो फूलै खोखमा, पानी पवितर जल होवय।...
View Articleनान्हे कहिनी –फुग्गा
लच्छू अपन नानकुन बेटी मधु ला धरके मड़ई देखायबर लाय हे।लच्छू के जिनगी गरीबी मा कटत हे। खायबर तो सरकार हा चाउँर दे देथय।फेर गाँव मा काम बूता हाथ मा नइ रहे ले एकक पइसा बर तरसत रहिथे। आज गाँव के मड़ई हे।एसो...
View Articleनंदावत हे अंगेठा
देवारी तिहार के तिर मा जाड़ हा बाढ जाथे, बरसात के पानी छोड़थे अउ जाड़ हा चालू हो जाथे। फेर अंगेठा के लइक जाड़ तो अगहन-पूस मा लागथे। फेर अब न अंगेठा दिखे, न अगेठा तपइया हमर सियान मन बताथे, पहिली अब्बड़ जंगल...
View Articleफैसन के जमाना
फैसन के जमाना आगे, आनी बानी फैसन लगावत हे। छोकरी-छोकरा ला का कहिबे, डोकरी डोकरा झपावत हे।। उमर होगे हे अस्सी साल, अऊ मुंड़ी मं डाई लगावत हे। अजब-गजब हे डोकरी मन के चाल, मुंहूं मं लिबिस्टीक लगावत हे।।...
View Articleसुग्घर हे मोर छत्तीसगढ़
बड़ सुग्घर हे मोर छत्तीसगढ़, चारों मुड़ा हरियाली हे। जेती देखबे तेती संगी, खुशहाली ही खुशहाली हे।। बड़ भागी हन हमन भईया, छत्तीसगढ़ मं जनम धरेन। ईहें खेलेन कुदेन संगी, ईहें खाऐ कमाऐन।। बड़ सुग्घर हे मोर...
View Articleसरसों ह फुल के महकत हे
देख तो संगी खलिहान ल सरसों ह फुल गे घम घम ल पियर – पियर दिखत हे मन ह देख के हरसावत हे नावा बिहान के सन्देस लेके आये हे नावा बहुरिया कस घुपघुप ल हे हवा म लहरत हे सुघ्घर मजा के दिखत हे पड़ोसिन ह लुका लुका...
View Articleसमे-समे के बात
बदलाव होवत रहिथे संगी, जिनगी के सफर म, कोनों धोका म झन रहै, बपौती के,न अकड़ म। काल महुँ बइठे रहेंव सीट म, संगी,आज खड़े हौं, कोनों बइठे हे आज, त झन सोचै, के मैं फलाने ले बड़े हौं। केजवा राम साहू ‘तेजनाथ’...
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