छंद : मदिरा सवैया
1–हे गणराज करौं बिनती ,सुन कष्ट हरो प्रभु दीनन के । रोग कलेश घिरे जग में,भय दूर करो सबके मन के । हाँथ पसारय द्वार खड़े भरदे घर ला प्रभु निर्धन के । तोर मिले बरदान तहाँ दुखिया चलथे सुखिया बनके। 2–राम...
View Articleसावन आगे
सावन आगे संगी मन भावन आगे। मन ल रिझाये बर फेर सावन आगे। चारो मुड़ा फेर करिया बदरा ह छा गे, हरियर-हरियर लुगरा म भुईया ह रंगा गे। सावन आगे संगी, फेर सावन आगे। रिमझिम-रिमझिम बरसत हे बादर , सब्बो मनखे के...
View Articleलइका बर खसरा अउ रुबैला टीका
समाज अउ सरकार दूनो हा लइका मन के स्वास्थ अउ इलाज बर नवा नवा उदिम करत हवय।देस के भविष्य, 9 महिना से लेके 15 बच्छर के लइका मन ला बने बने राखेबर टीकाकरन अभियान चलाय जावत हे। एमा शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य...
View Articleगीत : सावन महीना
सावन आथे त मन मा, उमंग भर जाथे। हरियर हरियर सबो तीर, रंग भर जाथे। बादर ले झरथे, रिमझिम पानी। जुड़ाथे जिया, खिलथे जिनगानी। मेंवा मिठाई, अंगाकर अउ चीला। करथे झड़ी त, खाथे माई पिला। खुलकूद लइका मन, मतंग घर...
View Articleपरकिती के परती आत्मियता के तिहार ये हरेली
कोनो भी देस-राज के पहिचान ओखर सभियता अऊ संसकिरिती से होथे। हमर भारत देस ह आनी-बानी के सभियता अऊ संसकिरिती के देस हाबय। इहा जम्मू कसमीर से ले के कनियाकुमारी तक अऊ अरूनाचल परदेस से ले के गुजरात तक...
View Articleअब एक नवा इतिहास लिखव
मया पिरा में सोवइया हो,अभी बेरा हे जाग जावव.. एखर ले पहिली के तुंहर ए नींद, राज ल ले डुवय… जाति-पाती मा देश ला , बांटके बन्टाधार करइया… अपन हित चाहत हव, ते अब तो एक हो जावव… भाखा के नाम मा लड़इया...
View Articleतोला देखत रहिथवं
तोला मैंय देखत रहिथंव “माया”, दिन अउ रात मैंय तोला देखत रहिथंव!! पुन्नी के चंदा कस तोर चेहरा चमके वो, गोंदा के फुल ह तोर खोपा म महके वो!! तैंय मोर चंदा चकोर असन दिखत हस, अउ भौउंरा कस महक ल मोर लेवत...
View Articleभोले बाबा
डोल डोल के डारा पाना ,भोला के गुण गाथे। गरज गरज के बरस बरस के,सावन जब जब आथे। सोमवार के दिन सावन मा,फूल पान सब खोजे। मंदिर मा भगतन जुरियाथे,संझा बिहना रोजे। लाली दसमत स्वेत फूड़हर,केसरिया ता कोनो। दूबी...
View Articleशिवशंकर के सावन सम्मार
हमर हिन्दू पंचांग के दिन तिथी के नामकरन हा कोनो ना कोनो देवी-देवता मन ले जुड़े हावय। सब्बो सातो दिन के नाँव के कथा हा अलग-अलग हावय। सनातन धरम मा जम्मों तिथी के नाँव हा देवता मन ले जुड़े मिलथे। सातो दिन...
View Articleआगे हरेली तिहार
आगे हरियर हरेली तिहार उल्हा उल्हा पाना हरियाथे राउत खोचय लीम डारा डेराउठी मुहाटी म खोचाथे राउतईन दाई ह सुग्हर हथना माईकोठी कुरिया म बनाथे सुपा-सुपा सेर चाउंर धान सिधो सिधो ठाकुराइन देवाथे गहुं पिसान के...
View Articleनरहराधाम छोटे जलप्रपात
प्राकृतिक के गोद म बसे नरहराधाम जिला मुख्यालय धमतरी ले महज ३५ किलोमीटर अउ कुकरेल ले लगभग लगभग २०किलोमीटर उड़ती मुड़ा नगरी ब्लाक वनांचल कोटरवाही गांव के निकट म स्थित हे! जंगलराज कोटरवाही मगौद झुरातराई...
View Articleशिव भोला ल मनाबोन
चल संगी भोला ल मनाबोन , बेलपान अऊ नरियर भेला ल चढाबोन । चल संगी भोला ल मनाबोन । नदियाँ नहाबोन अऊ दीया जलाबोन । धोवा धोवा चाँउर शिव भोला मा चढाबोन । हावय अब्बड़ भीड़ भाड़, हमू लाइन लगाबोन । चल संगी भोला...
View Articleसावन झूला
सावन महीना आ गे संगी , चलव झूला झुलबो । सखी सहेली सबो संगी, एके जगा मा मिलबो । अब्बड़ मजा आही बहिनी , जब झूला मा झुलबो । जाबो अमरइया के तीर मा , एके जगा सब मिलबो । मंदिर जाबो सबो झन हा , शिव भोला ल...
View Articleनवगीत : अगर न होतेन हम
करिया-करिया बादर कहिथे अगर न होतेन हम। धरती जम्मो बंजर होतिस जल हो जातिस कम। हमर आए ले तरिया-नरवा जम्मो ह भर जाथे, जंगल-झाड़ी, बन-उपवन मन झूम-झूम हरसाथे। कौन हमर तासीर ल जाने जाने कौन मरम? करिया-करिया...
View Articleकविता संग्रह : छत्तीसगढ़ ल बंदव
मिलन मलरिहा के कविता संग्रह छत्तीसगढ़ ल बंदव अऊ बंदव इहाँ किसान ल भईया… धनहा कटोरा भरे न…… ए गा सियनहा…. छत्तीसगढ माटी हे सोना के उपजईया महानदी दाई छलकावत हावय मया सबे कोती बोहावत हावय न, संगे अरपा…....
View Articleछत्तीसगढी उपन्यास : भुइयाँ
लेखक – रामनाथ साहू प्रकाशक – वैभव प्रकाशन, अमीन पारा चौक, पुरानी बस्ती, रायपुर- 492001 (छत्तीसगढ़) दूरभाष : 0771-4038958 मोबाइल : 094253 58748 मुद्रक : वैभव प्रकाशन, रायपुर (छत्तीसगढ़) मूल्य : 100 रू....
View Articleदारु के निसा
अगोरा करथे बारह बज्जी के मंदिर कस भीड़ सकलाय रहिथे गांव गांव के दारूभट्ठी म दारु बर लाईन लगाय रहिथे सियान जवान निसा म मोहाय चेपटी पउंव्वा चघाय रहिथे कोट कोट ले पीके दारू मंद मताउंना म पगलाय रहिथे कोनो...
View Articleसोनहा सावन सम्मारी
सोनहा समे हे सावन सम्मारी, भजय भगद हो भोला भण्डारी। सोनहा समे हे सावन सम्मारी, भजय भगद हो भोला भण्डारी।।…….. नीलकंठ तोर रूप निराला, साँप-डेरू के पहिरे तैं माला। जटा मा गंगा,.माथ मा हे चंदा, अंगरक्खा...
View Articleगीत: सुरता के सावन
घुमङे घपटे घटा घनघोर। सुरता के सावन मारे हिलोर।। घुमङे घपटे घटा घनघोर…. मेछरावे करिया करिया बादर, नयना ले पिरीत छलके आगर। होगे बइहा मन मंजूर मोर, सुरता के सावन मारे हिलोर।।१ नरवा,नँदिया,तरिया बउराय,...
View Articleसावन के बरखा
झिमिर झिमिर बरसत हे सावन झड़ी के फुहार ओईरछा छानी चुहन लागे रेला बोहागे धारे धार झुमरत हे रुख पाना डारा उबुक चुबुक होगे खेत खार बईला संग बियासी फंदाय लेंजहा चालय बनिहार मघन होके मंजुर नाचय छांए करिया...
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