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Channel: gurtur goth
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व्‍यंग्‍य : रावन संग भेंट

आज संझौती बेरा म दुरगा ठऊर म मिटिंग हावे किके कोतवाल हांका पारके चल दिस। जें खाके सब ला सकलाना हे। नी अवइय्या मन बर चार सो के दंड घलो राखे हे। जेला गराम बिकास म खरचा करे के बात हर मिटिंग म होथे। फेर...

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सरसी छंद : जनकवि कोदूराम “दलित”जी

धन धन हे टिकरी अर्जुन्दा,दुरुग जिला के ग्राम। पावन भुँइया मा जनमे हे,जनकवि कोदूराम। पाँच मार्च उन्नीस् सौ दस के,होइस जब अवतार। खुशी बगरगे गाँव गली मा,कुलकै घर परिवार। रामभरोसा ददा ओखरे,आय कृषक मजदूर।...

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व्‍यंग्‍य कविता : सफई अभियान

चलव आज फेर, अरछी परछी, कुरिया दुवारी के ,जाला ल झार लेथन। बाहिर कहूं चिकना गिस होही त, अब अंतस ल बहार लेथन ।। गांधी बबा ल घलो , अब देखाए ल परही। एक दिन बर सफई के, ढोंग लगाए ल परही। अपन घर ल बहार के,...

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व्‍यंग्‍य : रोटी सेंकन मय चलेंव………

छत्तीसगढ़िया मन के आदत कहां जाही। बिगन भात बोजे पेट नी भरय। फेर कुछ समे ले मोर सुवारी ला को जनी काये होगे रहय, कोन ओकर कमपयूटर कस बोदा दिमाग ला हेक करके, रोटी नाव के वाइरस डार दे रहय, फकत रोटीच सेंके के...

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एकलव्य के द्रोनाचार्य बनगे गांधीजी

हमन हर बच्छर 2 अक्टूबर के दिन देस के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जनमदिन मनाथन अउ ओकर देखाय रद्दा अउ कामबुता के सुरता करथन। देस ले अंगरेज मन ल भगाय बर कइसे अपन नीति ल भुंइया मा उतारिन ओला अवइया पीढ़ी ल...

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मोर छत्तीसगढ़ कहां गंवागे

मोर छत्तीसगढ़ कहां गंवागे संगी कोनो खोज के लाववं भाखा बोली सबो बदलगे मया कहां के मैंय पाववं कहानी किस्सा सबो नंदागे पीपर पेड़ कटागे नई सकलाय कोनो चाउंरा म कोयली घलोक उड़ागे सुन्ना परगे लीम चाउंरा म रात...

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फांदा मा परगे किसानी

फांदा मा परगे किसानी नुन मिरचा अउ बासी भात सुते नई हंव कतको रात खेती नई हे बहुत असानी फांदा मा परगे किसानी रगड के हमन बुता करेन बुता करके बिमार परेन ए बछर काबर बरसत नई हे पानी फांदा मा परगे किसानी कोन...

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गऊ माता ल बचाओ –सुख समृद्धि पाओ

गाय ह एक पालतू जानवर हरे । एला हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई अऊ संसार में जतका धरम हे , सब धरम के आदमी मन एकर पालन पोसन करथे । काबर कि गाय से बहुत आमदनी होथे । गाय ही एक अइसे जानवर हरे जेहा जीयत में तो...

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झगरा रोज मताथे

ननद नोनी तोर भईया हा रोज पी के आथे। ओखी करके बात बात मा झगरा रोज मताथे। ननद नोनी तोर.. पीरा ला मोर मन के नोनी,कोन ला मंय हा बतावंव। नइ माने मोर बात ला बहिनी,कइसे मंय समझावंव। दू दिन बर आना नोनी अपन...

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हमर बोली-भासा

मोला नीक लागे जी,हमर भासा-बोली । पुरखा के सिरजाये,हंसी अउ ठिठोली ।। मोला नीक लागे जी……….. गुरतुर मिठास हावै,बोली अउ जुबान मा। कतको परदेशिया, रिझगे गा ईमान मा।। बोली छत्तीसगढ़िया ,भरे मिठ झोली । मोला नीक...

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सरद पुन्नी के सार कथा

चार महीना चौमास के बीते ले सरद रितु के शुरुवात होय ला धर लेथे ता गुरतुर जाड़ हा तन मन ला मोहे ला धर लेथे। इही कुनकुनहा जाड़ मा सरद पुन्नी के वरत हा आथे। घर परवार जुरमिल के पुन्नी के रतिहा चंदा ले बरसे...

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कारतिक महीना के महिमा

हमर हिन्दू पंचांग के हिसाब ले बच्छर भर के आँठवाँ महीना कारतिक महीना हा हरय जउन ला जबर पबरित महीना माने जाथे। कारतिक महीना के महत्तम बेद पुरान मन मा घलो हावय। हमर भारतीय संसकिरति मा समे के गिनती चंदा के...

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छत्तीसगढ़िया मन जागव जी

जागव जी अब उठव भईया, नो है एहा सुते के बेरा । बाहिर के इंहा चोर घुमत हे, लुट लिही खेतखार अउ डेरा ।। बाहिर ले आके भोकवा मन ह, छत्तीसगढ़ मा हुसिंयार होगे हमन होगेन लीम के काड़ी, उही मन ह खुसियार होगे।।...

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मोर गांव के बजार

आबे वो गोई मोर गांव के बजार, घुमाहुं तोला मैंय हटरी बजार! संगे जाबो मोर गांव के बजार, पहिराहुं तोला वो नवलखिया के हार! खवाहुं तोला मैंय जलेबी मिठई, सुरता राखबे मोर रुद्रीनवागांव के बजार! अउ खवाहुं चना...

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सुरता सुशील यदु

सहज,सरल,मिलनसार अडउ मृदुभाषी व्यक्तित्व के धनी सुशील यदु जी के पिता के नाम स्व.खोरबाहरा राम यदु रहिस । एम.एम. (हिन्दी साहित्य) तक शिक्षा प्राप्त यदु जी प्राइमरी स्कूल म हेड मास्टर के पद रहिन । छत्तीसगढ...

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तोरे अगोरा हे लछमी दाई

होगे घर के साफ सफाई, तोरे अगोरा हे लछमी दाई। घर अँगना जम्मों लिपागे, नवा अंगरक्खा घलो सिलागे। लेवागे फटक्का अउ मिठाई। तोरे अगोरा हे लछमी दाई।1 अंधियारी मा होवय अंजोर, दिया बारँव मैंहा ओरी ओर। हूम धूप...

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अपन-अपन समझ

जब मेहा अपन चार बछर के बेटा रामसरूप ला बने तउल के देखथंव, त जान परथे के वोमे भोलापन अउ सुनदरई नई रहि गे, जउन दू बछर पहिली रिहिस हे। वो अइसे लागथे जाना-माना अपने गुस्सेलहा बानी म लाल आंखी मोला देखावत...

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भइंसा चोरी के सीबीआई जांच

जइसे लइका ल सेंके बर गोरसी के आंच जरूरी होथे, जइसे दरपन बनाय बर कांच जरूरी होथे, वइसने चोरी-डकइती, गडबड-घोटाला के खुलासा करे बर जांच जरूरी होथे। जांच अइसन-वइसन घलो नई, सिद्धा सीबीआई जांच! हमर बबा। पहरो...

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दीवाली तिहार

दीवाली के तिहार हे करा जी साफ सफाई सुंदर हे तन मन हमर मिलके खुषी मनाई लइका खेलत हे घर मा दीया आवा जलाई रंग बिरंगा रंगोली ला मिलके आज बनाई लक्ष्मी जी के पूजा करा दुख के होही बिदाई दुब फुल ला अर्पण करके...

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देवारी के दीया

चल संगी देवारी में, जुर मिल दीया जलाबो । अंधियारी ल दूर भगाके, जीवन में अंजोर लाबो। कतको भटकत अंधियार में, वोला रसता देखाबो भूखन पियासे हाबे वोला, रोटी हम खवाबो । मत राहे कोनो अढ़हा, सबला हम पढ़ाबों ।...

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