माटी के दीया जलावव : सुघ्घर देवारी मनावव
देवारी के नाम लेते साठ मन में एक परकार से खुसी अऊ उमंग छा जाथे। काबर देवारी तिहार खुसी मनाय के तिहार हरे। देवारी तिहार ल कातिक महीना के अमावस्या के दिन मनाय जाथे। फेर एकर तइयारी ह 15 दिन पहिली ले सुरु...
View Articleसुरहुत्ती तिहार
हमर हिन्दू समाज मा तिहार बहार हा सबके जिनगी मा बड़ महत्तम रखथे। पुरखा के बनाय रीति रिवाज अउ परम्परा हा आज तिहार के रुप रंग मा हमर संग हावय। अइसने एकठन तिहार हे जौन हा हिन्दू समाज मा अब्बड़ महत्तम के हावय...
View Articleदीया अउ जिनगी
अँजोर के चिन्हारी दीया हा हरय। बिन दीया के अंधियारी ला हराना बड़ मुसकुल बुता हे। अंधियारी हे ता दीया हे अउ दीया हे ता अँजोर हे। अंधियारी हा जब संझा के बेरा होथे ता अपन पसरा ला धीरे-धीरे पसराथे अउ जन मन...
View Articleदेवारी तिहार संग स्वच्छता तिहार
आप सबो झन जानथव हमर छत्तीसगढ़ मा बारो महिना तिहार होथय।संगे संग उपास धास, नवरात्रि, गनेस आनी बानी के उछाह। फेर देवारी तिहार के महत्तम अलगेच हावय।कातिक महिना के तेरस ले सुरु होके पांच दिन तक मनाय...
View Articleसुरता तोर आथे
पहाति बिहानिया हो चाहे, संझाति बेरा के बुड़त संझा हो! काम बुता म मन नी लागे, भईगे सुरता तोर आथे! का करवं तोर बिन, ऐको कन मन नई लागे! हर घड़ी बेरा कुबेरा, सुसक सुसक्के रोवाथे! बईहा पगला दीवाना होगेवं,...
View Articleखेत के धान ह पाक गे
दुख के बादर ह भाग गे ,खेत के धान ह पाक गे देख किस्मत ह जाग गे ,जतनाए रखवारी राख के! भागिस कुंवार कातिक आगे हमागे जड़काला हरियर लुगरा पिंवर होगे,सोनहा सोनहा माला बने फूलिस बने फरिस बोये बिजहा मांग के...
View Articleचाइना माडल होवत देवारी तिहार
हमर छत्तीसगढ़ मा सबो देबी देवता मन ल मान गउन मिलथे।एकरे सेती नानम परकार के तिहार हमन बारो महिना मनाथन।सुवागत से लेके बिदई तक, खुसी, देबी देवता के जनम, बिहाव,खेती किसानी के तिहार मनाथन।अइसने पांच दिन के...
View Articleपारंपरिक गीत देवारी आगे
देवारी आगे रे भइया, देवारी आगे ना।। घर घर दिया बरय मोर संगी, आंधियारी भगागे ना। देवारी आगे रे भइया —–।। कातिक अमावस के दिन भइया, देवारी ल मनाथे । सुमता के संदेश ले के, बारा महीना मा आथे।। गाँव शहर के...
View Articleफटाका नइ फुटे’ (दिल्ली के बिषय म)
नइ बाजे जी ,नी फूटे न आसो के बछर म दिल्ली शहर म ढम ढम फटाका नइ फूटे न देवारी तिहार म एनसीआर म अउ तिर तखार म फटाका नइ फूटे न नान्हे नान्हे नोनी बाबू जिद करही बिटाही सुरसुरी चकरी अउ अनार कहां ले बिसाहीं,...
View Articleमया के अंजोर
तोर मोर मया के अँजोर संगी, निक लागय महकय अँगना खोर I नाचय पतंगा आरा पारा, चिरैया चहकय डारा डारा I बांधे कईसन तै बंधना के डोर, तोर बर मोर मया सजोर I तोर मोर मया के अँजोर संगी I2I पुन्नी के जईसे चमके...
View Articleदेवारी तिहार आवत हे
हरियर हरियर लुगरा पहिरके दाई बहिनी मन नाचत हे आरा पारा खोर गली मोहल्ला सुवा गीत ल गावत हे सुग्हर संदेश के नेवता देवत देवारी तिहार आवत हे घर अंगना कोठा कुरिया पेरौवसी माटी म छबावत हे जाला जक्कड़ खोंदरा...
View Articleबोनस के फर
जबले बोनस नाव के पेड़ पिरथी म जनम धरे हे तबले, इंहा के मनखे मन, उहीच पेंड़ ला भगवान कस सपनाथे घेरी बेरी…….। तीन बछर बीतगे रहय, बोनस सपना में तो आवय, फेर सवांगे नी आवय। उदुप ले एक दिन बोनस के पेंड़ हा, एक...
View Articleछत्तीसगढ़ पुरातत्व और संस्कृति
मानव इतिहास के समकालीन संस्कृति के अध्ययन में पुरातत्व का अहम महत्व है। हालांकि इसमें केवल निर्जीव निशानियां ही प्राप्त होती हैं, किन्तु इससे उस काल की संस्कृति को समझा जा सकता है। सिरपुर और अन्य...
View Articleएक दीया अउ जलावव
एक दीया अउ जलावव, कखरो अंधियारी कुंदरा ह, अंजोर होजय। सुवारथ के गंवईं मा, मया मा लिपे गली खोर होजय।। एक दीया वीर सिपाही, भारत के रखवार बर। देश के खातिर प्रान गवईंया, अउ ऊंखर परिवार बर ।। देशभक्ति के...
View Articleछत्तीसगढ़ी व्यंग्य : सेल्फी कथा
जब ले हमर देस म मुबाईल सुरू होय हे तब ले मनखे उही म रमे हे।पहिली जमाना म मुबाईल ल सिरिफ गोठ बात बर बउरे।फेर धीरे धीरे एमा आनी बानी के जिनिस हमावत गिस।फोटू खींचे बर केमरा,बेरा देखे बर घडी,गाना सुने बर...
View Articleछत्तीसगढ़ी गोठियाय बर लजावत हे
छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया चारो कोति शोर सुनावत हे फेर इंहा के मनखे छत्तीसगढ़ी,गोठियाय बर लजावत हे जब ले हमर राज बनिस,छत्तीसगढ़ के मान बाढ़िस खेत कोठार गांव गली,बनिहार किसान के सनमान बाढ़िस जेकर ले...
View Articleपोल खोल
पोल खोल देबो के नारा जगा जगा बुलंद रहय फेर पोल खुलत नी रहय। गांव के निचट अड़हा मनखे मंगलू अऊ बुधारू आपस म गोठियावत रहय। मंगलू किथे – काये पोल आये जी, जेला रोज रोज, फकत खोल देबो, खोल देबो कहिथे भर बिया...
View Articleदेवउठनी एकादशी अऊ तुलसी बिहाव
मास में कातिक मास, देवता में भगवान विष्णु अऊ तीरथ में नारायण तीरथ बद्रीकाश्रम ये तीनो ल श्रेष्ठ माने गे हे। वेद पुरान में बताय गेहे की कातिक मास के समान कोनो मास नइ हे। ए मास ह धर्म ,अर्थ, काम अऊ मोक्ष...
View Articleछोटे देवारी के खुशी भारी : देवउठनी एकादशी 31 अक्टूबर
हमर पुरखा मन के बनाय परमपरा हा आज तिहार बहार के नाँव धरागे हे। अइसन तीज-तिहार हा हमर जिनगी मा खुशी के रिंगी-चिंगी रंग ला भरथे। तिहार-बहार समाज मा एकता अउ भाईचारा के गुरतुर चासनी घोरथे।अइसन गुरतुर चसनी...
View Articleसुवा गीत : कही देबे संदेश
सुवा रे कही देबे दाई ल संदेश बेटी ल भेजही पढ़े बिदेश बिहाव के संसो ल कबे अभी तै मेट ! सुवा रे…..! बड़े भईया ल पढ़ाये छोटे भईया ल पढ़ाये पर के धन कही कहीके हम ल रंधना रंधवाये, बनके साहेबवा करत हे कोन...
View Article